उत्तर प्रदेश| जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव कुआंघोसी|इस गांव कि कुछ महिलओं का गुड के साथ धूप का आनंद लेते देख अपनी दादी लोगों कि यादें ताजा हो उठी|
जब उन महिलाओं के पास जा कर बात-चीत कि तो उनका कहना था कि आज चार-पांच दिन में उनके यहां धूप निकली है|इसलिए धूप में बैठी हुई हैं| और धूप का आनंद ले रहीं है क्योंकि यही एक मौका है जो घंटे दो घंटे एक साथ बैठकर बिताने को मिलता है नहीं तो घर के कामों से फुर्सत ही नहीं है|
खेती किसानी में महिलाएं माहिरवह लोग एक साथ बैक कर धुप का आनद भी लेती हैं और एक दूसरे से अपने मन की बात कहने और शेयर करने का मौका भी निकाल पाती हैं| जिससे बहुत हु खुशी महसूस करती है| उनका कहना है कि अभी तक बहुत ज्यादा ठंड थी| इसलिए जल्दी काम भी नहीं हो पता था और काम से फुर्सत होते थे तो सीधे रजाई दिखती थी| जिससे किसी के पास बैठने और बतियाने का मौका ही नहीं मिलता था और घर के अन्दर घुसे-घुसे उलझन भी होती थी| लेकिन अब धूप निकलने लगी है तो घर का काम भी जल्दी हो जाता है और कम से कम एक घंटे का समय वह लोग धुप में बैठने के लिए भी निकाल लेती हैं|
दिन भर बारिश और ठंड के कारण ठिठुरते रहते थे और एक दूसरे से मिलने और बतियाने के लिए तरशते थे जैसे कोई पंक्षी पिंजडे में बंद हो|| ये लगता था कि कब ये मौसम खुले और वह लोग बाहर निकलें|