16 साल के रोहण पारेख किसानों को कीटनाशक दवाओं की जानकारी के साथ उसका सही प्रयोग बता रहे हैं। रोहण ये काम बिना किसी मदद के कर रहे हैं। अहमदाबाद के रहने वाले रोहण ने इस विषय पर काम करने की तब सोची जब उन्होंने महाराष्ट्र के विदर्भ जिले में कीटनाशक के गलत प्रयोग के कारण 20 किसानों की मौत और 25 किसानों के अंधे होने की खबर पढ़ी। इस खबर ने रोहण को बहुत दुखी किया, इसके बाद उन्होंने इस परेशानी को दूर करने के लिए काम किया।
रोहण के लिए अपनी पढ़ाई में से इस काम के लिए समय निकालना मुश्किल था, लेकिन रोहण इस काम के लिए समय निकाला, इसका ही परिणाम हुआ कि उन्होंने किसानों को खतरनाक कीटनाशकों का सावधानीपूर्ण प्रयोग की जानकारी देने का काम शुरु कर दिया। वह किसानों को रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करते समय सभी सावधनियों को ध्यान में रखें के साथ सही कपड़े और बचाव के लिए उपकरणों के प्रयोग करने पर जोर देते हैं। वह किसानों को कीटनाशक दवा में लिखी जानकारी को पढ़ने के साथ उसके प्रयोग की विधि के बारे में भी पढ़ने को कहते हैं।
रोहण के अनुसार रासायनिक कीटनाशक दवा छिकाव के समय हमारी त्वचा, आंखों और नाक के माध्यम से षरीर के अन्दर जा सकती है, इसलिए वह किसानों को पूरी बांहों की कमीज पहने के साथ रबर के दस्ताने, सुरक्षा के लिए चस्मा, टोपी, जुते , चेहरे का कवच जैसी चीजों को प्रयोग की सलाह देते हैं।
रोहण ने किसानों के लिए कीटनाशक का प्रयोग करते समय के लिए कुछ निर्देश तैयार करे हैं-
कीटनाशक दवा का छिटकाव हवा के रुख की ओर करें।
छिटकाव करते समय भोजन न खाएं- पीएं। धूम्रपान भी न करें।
छिटकाव करते समय आसपास कोई भी खाने-पीने की वस्तुएं न रखें।
बच्चों को छिटकाव करते समय वहां न आने दें।
खाने-पीने से पहले अपने हाथ और चेहरा साबुन से धो लें।
कीटनाशक दवा के खाली डिब्बों में खाने-पीने की चीजें न रखें।
कीटनाशक का छिटकाव करके के बाद उस समय पहनें कपड़ों को परिवार के अन्य कपड़ों से अलग धोएं।