भारत देश कृषि प्रधान देश हई। जब किसान खुशहाल छथिन तभीये जमीनी स्तर से लेके देश तक लोग सुखी छथिन। जब किसाने के सुख न रहतई त लोग खुशहाल केना रहतई।
अबकि बेर के साल में किसान के स्थिति बहुत दयनिय हई। जेई कारण खाय वाला सामान, साग, सब्जी से लेके अनाज तक के महगांई आसमान छु रहल हई। एई साल में ज्यादा तर बिहार में वर्षा समय से न होय के कारण धान ,मक्का, सब्जी के भी फसल मारल गेलई। ओई के बाद लगभग महिना दिन पहिले वर्षा, आंधी अउर तुफान के कारण दलहन के भी बाओ कयल बिज के नुकसान भेलई। प्राकृति आपदा के कारण अउर किसान परेशान छथिन। साग सब्जी,अनाज महगां होय से कइसे गरीब मजदुर परिवार चलइथिन। अभी सौ रूपइये प्याज पैंतिस रूपइये आलु हो गेलई अगर जे लोग सौ दु सौ के रोज कमतई उ केना परिवार चला पतई या साग सब्जी खरीदतई।
तइयो अधिकारी किसान या मजदुर के समस्या न समझ रहल छथिन। बिना जांच कयेले अधिकारीयों के कहना हई कि बहुत ज्यादा फसल नुक्सान न हई।
किसान के इ हाल त लोग के कोन हाल
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