मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में 20 कृषि विभाग केंद्रों को खोलने के लिए मुफ्त में जमीन देने का फैसला किया गया है। ये कृषि विज्ञान केंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों के तहत खोले जाएंगे।
यह केन्द्र लखीमपुर-खीरी, हरदोई, आजमगढ़, जौनपुर, बदायूं, सुल्तानपुर, बहराइच, मुरादाबाद, गोण्डा, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, हापुड़, शामली, सम्भल, अमेठी, कासगंज, श्रावस्ती, अमरोहा एवं इलाहाबाद में स्थापित किये जाएंगे।
खास बात यह है कि इनके अंदर भूमि टेस्टिंग लैब की सुविधा होगी। जहां 16 से 20 वैज्ञानिक भी नियुक्त किए जाएंगे। करीब तीस एकड़ जमीन इनकी स्थापना के लिए दी जाती है।
कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना के लिए 14 जनपदों के जिलाधिकारियों द्वारा भूमि की उपलब्धता की जानकारी दी गई है। बाकी जनपदों में भी भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्यवाही प्राथमिकता पर की जा रही है।
प्रदेश में वर्तमान में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के अन्तर्गत कुल 49 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित एवं संचालित हैं। इसके तहत कृषि विश्वविद्यालय कानपुर में 12, फैजाबाद में 17, मेरठ में 13, बांदा में 6 तथा इलाहाबाद में 1 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित एवं संचालित हैं। इसके अलावा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत 5, वेटेनरी विश्वविद्यालय मथुरा के अन्तर्गत 1, बीएचयू वाराणसी के अन्तर्गत 1, अन्य शिक्षण संस्थानों के तहत 2 तथा गैर सरकारी संस्थाओं के तहत 11 कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यरत हैं। इस प्रकार, प्रदेश में कुल 69 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित हैं।