आयकर की दरों में कमी, सीतारमण के 2020-21 बजट भाषण का मुख्य आकर्षण रही। वित्त मंत्री ने कहा कि 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यदि आपकी आया 5 से 7.5 लाख है तो उसपर आपकी आय के हिसाब से 10 फीसदी का टैक्स लगेगा। 7.5 लाख से 10 लाख की आय पर 15 फीसदी, जबकि 10 लाख से 12.5 लाख की आय पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा। 12.5 लाख से 15 लाख पर 25 फीसदी टैक्स लगेगा, वहीं 15 लाख से ऊपर की आय वालों पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। 10 फीसदी का स्लैब नया बनाया गया है।
आम आदमी (आयकर, जमा): प्रत्यक्ष कराधान संरचना को सरल बनाने की दृष्टि से, वित्त मंत्री ने छूट के लिए छूट देने वाले व्यक्तियों के लिए नई आयकर दरों की घोषणा की, एक ऐसा कदम जो एक साल में 15 लाख रुपये कमाने वालों के आयकर में 78,000 से 1,97,000 की छूट मिलेगी।
गृह संपत्ति के अधिग्रहण के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज के संबंध में INR 1,50,000 की अतिरिक्त कटौती वित्त अधिनियम 2019 में उपलब्ध कराई गई थी, जिसके लिए स्टांप शुल्क मूल्य INR 45,00,000 से अधिक नहीं था। कुछ कटौती की संतुष्टि के अधीन उपलब्ध थी निर्दिष्ट शर्तों सहित कि ऋण को 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। वर्तमान बजट में ऐसे ऋण की मंजूरी के लिए समयसीमा को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने का प्रस्ताव हैकिसान के लिए कितना लाभदायक है ये आम बजट 2020-21
लेकिन हमारी रिपोर्टर ने आम जनता से बात की तो लोगों ने बताया ये बजट हमारे हित में तो नहीं है ,लोगों का कहना है ये बजट सिर्फ बड़े उधोगपति लोगों के लिए हितकारी है इसका फायदा गरीब लोगों को नहीं है
लोगों का कहना है बजट हम गरीब लोगो के नाम से बनता और ये बजट पास भी होता है लेकिन लागू नहीं होता और आम गरीब लोगों को कुछ लाभ नहीं होता है और बस बड़ी बड़ी बाते होती है लेकिन हित देखने को नहीं मिलता है |