बुन्देलखण्ड में ज्यादातर किसन खेती के आसरे रहत हे। जीसे आपन और दूसरे के परिवार को पेट पाले खा अनाज उगाउत हे। किसान तो आपन खेत में मेहनत करके दिन रात एक कर देत हे।
महोबा जिला महोबा जिला में ई साल मटर, चना मसूर अरहर की फसल में ओले बरसने के कारन बोहतई नुक्सान भओ हें। किसान आपन फसल के मुआवजा खा लेके कलेक्टेट में डी.एम.कार्यालय में हगामा करो हे। किसान फसल खा लेके हमेषा परेषान होत हे। काय से कभउ सूखा कभउ पाला तो कभउ ओले ओर बरसात न होय के कारन। ईखे बाद भी किसान कर्जा लेके या क्रिडेट कार्ड में रूपइया खा लेके खेती जोतत बोउत हे, पे किसान को आसरा आसरा बनके रह जात हे। किसान पूरी दुनिया को पेट भरत हे, पे किसान की जरूरत खा समझे वालो कोनउ नइया। अधिकारी भी दरखास ले में कतरात हे। अगर मुआवजा दओ भी जात हे तो न के बराबर पूर मुआवजा भी नई दओ जात हे।
जभे कि भारत एक कृषि प्रधान देष कहोउ जात हे। का फिर भी किसानन कोउ जा हाल हे। का अगर किसानन को एई हाल रेहे तो कोनउ किसान अपनी खेती करे खा तैयार होहे। सरकार कभे किसानन के बारे में सोचहें? का किसानन की जा समस्या कभउ खत्म होहे?
किसानन के पर ओलन के मार
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