बुन्देलखण्ड के किसानन खा सूखा ने परेशान करके धर दओ हे। सिंचाई खा पानी न मिले कारन किसान बोहतई परेशान हे। बुन्देलखण्ड में ज्यादातर किसान खेती के आसरे रहत हे। जीमें मेंहनत कर किसान आपन ओर दूसरे के परिवार पाले खा अनाज उगाउत हे। किसान अनाज उगायें खे लाने खेत में मेहनत कर दिन रात एक कर देत हे।
महोबा जिला में ई साल किसान रवी की फसल बोयें के लाने पलेवा करें खे पानी न मिले के कारन किसानन के बीच में बोहतई गुस्सा भरो हे। आय दिन रोड जाम जा फिर धरना प्रर्दनष करे खा मजबूर हे। काय से किसासन के मन एक बात बेठी हे कि सायद एसो करे से पानी मिल जाये ओर खेती बोंय खा मिल जाये। पे किसानन खा जा पता नइयां कि अष्वासन के अलावा कछू नई मिलने हे।
सवाल जा उठत हे कि किसान पूरी दुनिया को पेट भरत हे, पे किसान की जरूरी खा समझे वालो कोनऊ नइयां। अधिकारी भी ऐसी समस्या खा सुने खा डरत हें। आखिर किसानन को आसरा को आसरा बन रह जात हे। किसान हमेंषा कोनऊ न कोनऊ समस्या से मार खात हे चाहे सूखा हो, पाला हो, जा फिर ओला वृष्टि से। ईखे बाद भी किसानन की समस्या खा सुने वालो कोनऊ नइयां।
सोचे वाली जा बात हे कि अगर किसानन को जा हाल रेहे तो कोनऊ किसान खेती करहे। सरकार कभे किसानन के बारे में कभे सोचहें?का किसानन की जा समस्या कभऊं खत्म होहे की नई?
किसानन के ऊपर सिंचाई के मार
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