बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत सरकार ने सन् 2010 में हर गांव में बिजली जेसी समस्या से गरीब आदमियन खा छुटकारा दिवायें खे लाने करोड़न रुपइया खर्च करो हतो, पे अगर गांव में बिजली की व्यवस्था देखी जाये तो खोखली हे।
महोबा जिला के पचासन गांवन के सैकड़न मोहल्लन में आज भी आदमी डिब्बी ओर लालटेन जला के आपन गुजारा करे खा मजबूर हे।
ईखा ताजा उदाहरण कबरई ब्लाक को गांव शाहपहाड़ी ओर चरखारी ब्लाक को गांव चंदौली हे। ई गांव के केऊ मोहल्लन में अभे तक बिजली नई लगी आय। जभे की चंदौली गांव के आदमियन ने एक महीना पेहले नये कनेक्शन भी करा लये हें।
अब सवाल जा उठत हे कि बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत सरकार हर गांव में बिजली की व्यवस्था करायें खे लाने जोन करोड़न रुपइया खर्च करो हे ऊ किते गओ? काय से जभे ई समस्या खा लेके विभाग में बात करी जात हे तो ऊ कहत हें कि बजट नइयां। तो का ऊ रुपइया सरकार ने कागज भर में भेजो हे? काय से गांव में बिजली की समस्या जेसी की तेसी बनी हे। ईखे लाने सरकार खा ओर ठोस कदम उठाये की जरूरत हे। तभई बिजली की गम्भीर समस्या से गांव के गरीब आदमियन खा निजात मिल पेहें।
किते गओ करोड़न रुपइया को बजट?
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