गुड़ मॉर्निंग, सुप्रभात, ढेर सारे फूल और शुभ विचारों के साथ सुबह से ही शुरू हो जाती है व्हाट्सएप पर छाए रहने वालों की हलचल। फैमिली ग्रुप, फनी ग्रुप, मीडिया ग्रुप, अधिकारी ग्रुप और न जाने कौन–कौन से ग्रुप बना कर दिन भर बिजी रहने वाले ये लोग खुद को किसी तुर्रमखां से कम नहीं समझते।
हर जगह, हर समय, हर स्मार्ट फ़ोन वाला व्यक्ति इस व्हाट्सएप की दुनिया में खोया हुआ नजर आता है। स्मार्ट फ़ोन पर व्हाट्सएप एक साधारण सी मैसेज भेजने वाली एप है जो एक साथ कई लोगों को आपस में मैसेज से बात करने और एक दूसरे की आवाज़ सुनने की सुविधा देता है। यह एप शहरों में ही नहीं बल्कि गांवों में भी बहुत लोकप्रिय है। आज के युवा और नौकरीपेशा लोगों के लिए व्हाट्सएप, आपस में एक–दूसरे के संपर्क में रहने का अच्छा और सस्ता जरिया है।
मिलते हैं बाँदा के पत्रकार अनवर रज़ा से जो 200 से ज्यादा लोगों का एक ग्रुप चला कर खुद को किसी जिम्मेदार अधिकारी से कम नहीं समझते हैं उनका कहना है कि व्हाट्सएप पर एक ग्रुप चलाना बड़ी ही जिम्मेदारी का काम है। यहाँ लोग जानकारी मांगते हैं, देते हैं और कई तरह के तथ्य रख कर चर्चाएँ करते हैं। ऐसे में मेरी जिम्मेदारी है कि सभी तक सही और तार्किक जानकारी पहुंचे। ऐसा न हो कि कोई झूठी खबर या अफवाह बना कर ग्रुप में डाल दे और लोग उस पर यकीन कर परेशान हो या किसी को परेशान करें।
उन्होंने आगे कहा, हम यह भी देखते हैं कि ग्रुप में कोई अश्लील चीज़ न आ जाये। यदि कोई ऐसा करता है तो हम उसके खिलाफ तुरंत एक्शन भी लेते हैं। पहले ही हम चेतावनी दे देते हैं कि यदि ऐसा कुछ पाया गया तो ग्रुप से निकाल दिया जायेगा। इसके बाद भी यदि कोई शरारती तत्व अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता है तब हम उसके खिलाफ कार्यवाही करने से भी नहीं चुकते हैं। मेरे मानना है कि किसी भी झूठी खबर से समाज का माहौल खराब करने वाला व्यक्ति अपराधी है, जिसके खिलाफ कार्यवाही होनी ही चाहिये।
हिन्दू युवा वाहिनी के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप चला रहे सत्यम तिवारी का कहना है कि हमने लोगों को इसमें जोड़ने से पहले ही यह हितायत दे दी है कि इस ग्रुप में केवल काम और जानकारी की बातें ही शेयर की जाएँगी। इसके आलावा कुछ भी पोस्ट करने पर व्यक्ति की हरकत पर विचार किया जायेगा। हम मानते हैं कि किसी छोटे से संगठन को चलाने के लिए जैसे उसकी मुलभुत बातों को ध्यान में रखना पड़ता है उसी तरह से इस तरह के व्हाट्सएप ग्रुप चलाने और सम्भालने के लिए भी अपने लक्ष्य को ध्यान में रखना पड़ता है। कभी किसी तरह की अफवाह, फर्जी खबर या झूठी बातों से यदि संगठन का नाम खराब होगा तो उसके जिम्मेवार हम होंगे इसलिए हमें बहुत सावधानी से ग्रुप चलाना पड़ता है।
इसमें कोई शक नहीं कि आजकल खबरें और सूचना पहले व्हाट्सऐप में ही हम तक पहुँचती हैं ।पल भर में हम अपने इलाके और देश दुनिया की बातें जान लेते हैं। लेकिन व्हाट्सऐप एक ऐसा मंच भी है जहां भद्दे मज़ाक शेयर किये जाते हैं। महिलाओं और मुसलामानों पर ख़ास निशाना साधा जाता है।
आपको बता दें कि ग्रामीण भारत में सिर्फ 36 प्रतिशत औरतों के पास अपना फोन है। जिनमें इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली महिलाएं और भी कम हैं। जहाँ औरतें खुद अपने फोन पर व्हाट्सऐप इस्तेमाल करती हैं, वहां ये उनके लिए एक नयी दुनिया खोलता है।
रिपोर्टर- मीरा देवी
Published on Jul 7, 2017