भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत आदमियन खा तीस हजार रूपइया तक को फ्री इलाज होय की योजना बनाई हती। जोन खोखली साबित होत नजर आउत हे। जनता ई योजना के तहत बनाये वाले स्मार्ट कार्ड के लाने आपन दिन-दिन भर बरबाद करत हें। पे ईखे लाभ बोहतई कम आदमियन खा मिलो हे। एक तो गरीबन खा स्मार्ट कार्ड बनो नइयां। जीखो बनो हे ऊमें कछू लाभ नई मिलत हे। गांव के आदमी आपन रूपइया खर्च करके इलाज कराउत हें।
ई समस्या को ताजा उदहरण-महोबा जिला, ब्लाक चरखारी, सालट गांव में देखे खा मिलो कि एते के आदमियन से कार्ड बनवायें के लाने तीस-तीस रूपइया जमा करा लये हते। जभे की स्मार्ट कार्ड बन के नई आये हें। जभे कि स्मार्ट कार्ड एक साल तक खा होत हें। का ई योजना को सर्वे कर रूपइया लेब ओर आकड़ा पेश करब भर कर्मचारियन की जिम्मेंदारी हे। स्मार्ट कार्ड बनवा के जनता तक पहुंचाउब किखो काम आय? सरकार खा कोनऊ योजना बनायें ओर ऊखो बजट खर्च होंय के बाद देखे खा चाही कि जा योजना कोन आदमियन खा बनाई जात हे। ओर कोन आदमियन खा मिलत हे। सरकार खा ई योजना पे बोहतई ठोस कदम उठायें की जरूरत हे। सवाल जा उठत हे कि जभे सरकार गरीबन खा इत्तो बजट खर्च करत हें तो ऊ लाभ जनता खा काय नई मिलत हे? सरकार खा अपने कर्मचारियन से जबाब लेय खा चाही तभई जनता खा सुविधा को लाभ मिल सकत हे।
किखे मिलत हे ईखो लाभ
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