बुन्देलखण्ड क्षेत्र येत्ता पिछड़ा अउर गरीबी से भरा इलाका हवै कि कुछ कहा नहीं जा सकत आय। हिंया के मड़ई हर समय समस्या से जूझत रहत हवै,पै शसन प्रशासन उनके समस्या का हल नहीं करत आय। यहै से मड़ई कत्तौ सूखा, पानी,सड़क,खेती अउर किराया जइसे समस्या से परेशान होत रहत हवै। सरकार इं समस्या के बारे मा काहे नहीं सोंचत आय।
पिछले एक बरस मा उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग रोडवेज बसन का किराया तीन दरकी बढ़ा चुका हवै। या पता हवै कि डीजल के दाम बढ़े हवैं,पै का सब कुछ जनता से उगाहा जई। जहां चालिस बयालिस रुपिया किराया लागत रहै हुंवा आज चवालिस अउर पैतालिस रुपिया लागत हवै। या कारन से मड़ई अब ज्यादातर सफर प्राइवेट बसन से करत हवै, पै प्राइवेट साधन का कउनौ समय नहीं होत हवै। या कारन लाखन यात्रिन का समय बरबाद होत हवै।
कर्वी कस्बा के मड़इन का कहब हवै कि सरकार महंगाई तौ बढ़ावत जात हवै,पै जनता का रोजगार दें खातिर काहे नहीं सांेचत आय। या समस्या का सबहिन से ज्यादा मजूरी अउर नौकरी करैं वाले मड़ई झेलत हवैं। दिन भर मा अगर बाहर जाके सौ रुपिया के मजूरी करत हवैं तौ पैंतालिस रुपिया किराया लाग जात हवै तौ वा मड़ई पचपन रुपिया मा कसत परिवर वालेन का खर्चा चला सकत हवैं। या मामला परिवहन विभाग वाले अहुतै आराम से कहि देत हवैं कि एक दुइ रुपिया किराया बढ़ब कउनौ बड़ी बात नहीं आय,पै सोंचै वाली बात तौ या हवै कि जेहिके लगे एक दुइ रुपिया नहीं रहत हवै। वहिका का हाल होइ। आखिर सरकार का सोच के किराया बढ़ावै मा लाग हवै।
का सोच के बढ़त हवै किराया
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