बुन्देलखण्ड खा किसान हमेशा कोनऊ न कोनऊ समस्या से जूझत रहत हे। कहूं सूखा तो कंहू बाढ़ से किसानन खे फसल बरबाद होत हे। ई सब होय खे बाद भी किसान केसऊ आपन परिवार चलाउत हतो,पे ई समय बिन मौसम बारिश ओर ओला से किसान की पूरी फसल खराब हो गई हे। का सरकार किसानन खा भरपाई भर मुआवजा दे पाहे?
हम बात करत हें महोबा जिला के किसानन की जीखा परिवार किसानी पे ही निर्भर रहत हे।
महोबा जिला के पनवाड़ी, चरखारी, जैतपुर ओर कबरई ब्लाक के हजारन किसान पांच-पांच, दस-दस बीघा खेती में मटर, मसूर, गेहंू, चना ओर अलसी, सरसों जेसी तमाम फसलें बोउत हंे। सहकारी समिति से खाद बीज लओ जात हे तो दसन दिन चक्कर लगाये खा परत हे। एई से मजबूर होके किसान सहकारी समिति से महंगा खाद बीज बाजार से खरीद के आपन खेती में बोउत हे। अब ओला ओर बारिश से बरबाद फसल से खाद बीज को रूपइया भी निकरे खे उम्मीद नइयां।
जीसे किसान आत्म हत्या ओर अनशन करे खा मजबूर हंे। ई साल किसान तो बिन मारे मर गओ हे।
एक केती सरकार किसानन खा मुआवजा देय के बात करत हे। जीमें असिंचित जमीन खे लाने साढ़े चार हजार हेक्टेयर ओर सिंचित जमीन खे लाने नौ हजार हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा मिले की सुनवाई हे। खेती के भरोसे परिवार चलाये वाले किसान खा इत्ते मुआवजा से का होहे। का इत्ते रूपइया से किसान साल भर आपन परिवार पाल सकत हे। जा बात सरकार खा सोचे खा चाही। तभई किसान खे समस्या खतम हो सकत हे।
का मिल पाहे किसानन खा मुआवजा
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