उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड इलाके के महोबा जिला में पत्थर खोदाई को काम जोर-शोर से चलत हे। पहाड़न में ब्लास्टिंग के जरिये खोदे जाये वाले पहाड़न की गहराई सैकड़न मीटर से ज्यादा हो गई हे। जीमे आये दिन कछू न कछू घटना होत रहत हे। जीमे कभऊं-कभऊं मजदूरन की मोत तक हो जात हे। फिर भी खनन माफिया पहाड़न की खोदाई बन्द करायें खा तैयार नइयां।
ऊसई तो महोबा डी.एम. वीरेश्वर सिंह ने ब्लास्टिंग को समय दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक खा दओ हे, पे खनन माफिया अपनी मर्जी से चाहे जभे ब्लाटिंग कराउत रहत हें। ईखा ताजा उदहरण 13 दिसम्बर 2014 खा शाम 6 बजे होंय वाली ब्लास्टिंग हे। जीमें दसन मजदूरन खा गम्भीर चोटें आई ओर सिद्धगोपाल नाम के एक आदमी की मोत हो गई। पहाड़ में होंय वाली घटनन को जिम्मेदार खनन माफिया तो हें ही साथे उत्तर प्रदेश की सरकार भी बराबर की जिम्मेदार हे।
काय से मनरेगा जेसे काम की कम मजदूरी ओर समय से रुपइया को भुगतान न होय के कारन ही आदमी पहाड़ में काम करें खा मजबूर हे। मरे वाले आदमी के परिवार वालेन खा सरकार केती से तो कछू लाभ मिलने वालो नइयां।
एईसे मजबूर आदमी पहाड़ मालिक के बहकावे जा फिर दबाव में आके जोन लाख डेढ़ लाख रुपइया मिलत हे। ओई खे ले लेत हें, ओर कछू कारवाही करें से पछाऊं हट जात हें।
अब सवाल उत्तर प्रदेश की सरकार के ऊपर उठत हे की ई पहाड़न की खोदाई के कारन आखिर कब तक गरीब आदमी इत्ती दर्दनाक मोत को सामना करत रेहे?
का बन्द हो होहे पहाड़न की खोदाई?
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