जिला पंचायत सदस्य के चुनाव की तैयार बड़ी जोर शोर से चलत हे। हर जघा बैनर, पोस्टर लगे हे। ईखी चर्चा पूरे बुन्देलखण्ड में चलत हे। गांवन में हर दइयां के जेसे नेता आपन बड़े बड़े वादा करत हे ओर गांवन के विकास की मांग पूरी करायें की बात कहत हे। का ई दइयां नेता जनता पे आपन विश्वास बना पेहे?
काय से की अब नेतन के ऊपर से जनता को विश्वास नई रेह गओ हे। जनता कहत हे की चाहे जीखे हाथ में सीट ओर सरकार आ जाये जनता खा तो ओई गिलाओ भरी रास्ता ओर बूंद बूंद पानी खा तरसने हे। काय से जोन वोट पाके जीत गओ ऊखे सब कछू भूल जात हे। अपनी शान ओर रुपइया के अगांऊ कछू नई दिखात हे। जीसे जनता बोहतई गुस्सा में नजर आउत हे। कोनऊ खे वोट न देय की बात कहत हे। दुसर केती ज्यादा से ज्यादा मतदान हो सके ईखे लाने अधिकारी ओर नेता हर तरह से पूरी कोशिया करे में लगे हे।
सोचे वाली बात जा हे कि जेसे अभे नेता गांव गांव जाके हाथ जोड़त हे अगर ऊसई अपने जीते के बाद गांव के विकास ओर अपने वादो पूरे करे तो दुबारा से काय इत्तो जनता से प्रार्थना करने परे। एक नेता बनें के बाद सब वादा ओर जनता खा भूल जात हे अगर थोई बोहोत याद रहत हे तो ऊ जनता तक नई पोहोच पाउत हे। बीचई में खत्म हो जात हे। जनता खा कह दओ जात हे की अभे बजट नइयां जा फिर हां हो जेहे करके टार देत हें। एई से जनता खा लगत हे की वोट मांगे खा आ जात हे। एई से सबसे पेहले आपन कही बात खा पूरी करें खा चाहीं। जाके देखा चाही ओर अपने जिला में बेठे अधिकारियन खा जबाब लेय खा चाही। तभई जा समस्या दूर हो सकत हे।
का बना पेंहे जानता पे भरोसा?
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