सरकार ने आदमियन के सुविधा खेेे लाने गांवन-गांवन उपकेन्द्र ओर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनवाये हें, पे गांव के आदमियन खा सरकारी सुविधा कित्ती मिलत हे। जा बात खा स्वास्थ्य विभाग के बडेे़ अधिकारियन खा नइया? चाहे ऊ दवाई वितरण होय जा फिर वार्ड में भर्ती मारीज हो। जा व्यवस्था भी अधिकारियन खा देखे खा चाही? हम बात करत हें जैतपुर ब्लाक प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र की जिते सरकार ने करोड़न रूपइया खर्चा करके प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनवाओ हे, पे मारीजन खा आज भी दवाई बाहर मेडीकल से खरीदने परत हे। का सरकार खे जिम्मेदारी सिर्फ इमारत बनवाओं ओर ऊमें डाक्टर कि नियुक्ति करत बस हे? सवाल जा उठत हे कि जभे सरकार दवाई गोली भेजत हे जो डाक्टर फिर बाहर से दवाई काय लिखत हे। गांव की जनता के अनुसार जोन डाक्टर को पहचान को आदमी हे ओई मेडिकल से जुड़ जात हे। एक तो सरकार गरीब ने नाम से सुविधा भेजत हे पे ऊखो लाभ कोनऊ ओर उठाउत हे। सरकार खा ईखे बारे में गम्भीरता से सोचे खा चाही? काय सो दवाई गोली ओर डाक्टर की मानमानी से कोनऊ कि जिन्दगी खराब हो सकत हे। काय से जीखे रूपइया हे ऊ कहूं से भी इलाज करा सकत हे। पे जीखे रूपइया नइयां ऊखे ऊपर बीते वाली बात खा ध्यान में देके ईखे बारे में डाक्टर से जवाव ले खा चाही
का फायदा सुविधा भेजे नई मिलत लाभ
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दिवस मनावैं के साथै सोच बदलब जरूरी
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