चित्रकूट जिला के पाचों ब्लाकन मा बारिश के पानी से फसल मा असर पड़त हवै। कउनौ के बोई फसल सड़ गे तौ कउनौ बारिश के कारन फसल नहीं बो पाइस। कउनौ गांव मा तौ तिली के खेती का बहुतै नुकसान भा हवै। मऊ ब्लाक के सन्तावन ग्राम पंचायत हवैं। उनमा सेे बीस गा्रम पंचायत मा यमुना नदी का पानी भर गा हवै। यहिसे लगभग पचास गांव प्रभावित हवंै। उंई कर्वी एस.डी.एम का भी लिखित दिहिन।
मऊ के गांव परदवा, कोटरा, बरियारी, मनकुंवार, षिवपुर ,मवईकला ,मण्डौर ,टिकरा ,अउर डाकबंगला। हिंया के मड़ई बहुतै परेषान हवंै। मनकुंवार गांव के मोहन बताइस 10 जुलाई 2013 यमुना नदी मा बाढ़ आवै से झोपड़ी बही गे। या से सड़क मा रहत हौं।
बरियारी गांव के मुस्तफा, कल्लू समेत दस मड़ई बताइन-“ हर बरस से या बरस ज्यादा बरसात भे हवै। या कारन हमार दुइ बिगहा से दस बिगहा के बाजरा के फसल बरबाद होइ गे हवै। यहिके खातिर तहसील दिवस मा अधिकारिन का दरखास दीने हन, पै कुछ नहीं भा आय। हमार लाखन रूपिया का नुकसान भा हवै।” कोटरा गांव के लगभग दस लोगन का कहब हवै कि हिंया 2 अगस्त 2013 का बहुतै ज्यादा बाढ़ आई रहै। जेहिमा आधे गांव के किसानन के तिली के फसल बरबाद हेाइगे हवै। मड़ई अब का खई? कसत पूर बरस गुजारा करी? या मामला मा ए.डी.एम सन्तोष कुमार मऊ एस. डी. एम. अवधेश श्रीवास्तव का कहब हवै कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रन खातिर पहिले से नाव के व्यवस्था करवा दीन जात हवै। मण्डौर मा एक नाव अउर वियावल गांव मा भी एक नाव के व्यवस्था करवाई गे हवै।
पहाड़ी ब्लाक के चैरा गांव के मुन्ना, चुक्की सरिता राममिलन, रामकृष्ण समेत सौ मड़ई के फसल पानी के कारन बरबाद होइगे हवंै। इं लोगन का कहब हवै कि फसल नहीं बो पाइन हवैं। या बरस बहुतै नुकसान भगवान करिस हवै।
का खइबे या बरस
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