बुंदेलखण्ड इलाका मा तालाब तौ हवैं, पै ज्यादातर तालाबन का सुंदरीकरण नहीं भा हवै। उंई तालाब दल दल बन के रहिगें हवंै।
इनतान के तालाब मड़इन अउर जानवरन के जान का खतरा भी बन गें हवैं। एक कइती सरकार कहत हवै कि तालाब का सुंदरीकरण होइ। जेहिसे मड़इन का पानी के समस्या न झेलैं का परी। दूसर कइती सरकार योजना बनावैं के बाद या पलट के नहीं देखत कि कहां कहां तालाब का सुंदरीककरण भा हवै अउर कहां नहीं।
चित्रकूट जिला कुल तालाब 1993 तालाब हवैं। यहिमा से 443 तालाबन के हालत बहुतै खराब हवै। तालाब का संुदरीकरण होय से मड़इन का नहाये धोवै अउर जानवरन का पानी पियै के समस्या खतम होइ सकत हवै। सरकार मनरेगा के तहत गांव मा तालाब के सुंदरीकरण करावैं खातिर व्यवस्था कीने हवै, पै तालाब का सुंदरीकरण बहुतै कम करावा जात हवै। काहे सरकार इनतान के गम्भीर समस्यन का खतम करैं खातिर नहीं सोचत आय।
काहे नहीं होत तालाब का सुन्दरीकरण
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