बुन्देलखण्ड मे सरकार ने गांव में बिजली लगवायें खा बड़े-बड़े बांध बनवायें हे। जीसे गांव खा ज्यादा से ज्यादा बिजली दई जा सके। ईखे लाने हर साल करोड़ो रूपइया खर्च करत हे। ऊखे बाद भी विभाग के कर्मचारी बजट होंय की बात करत हे। जभे सरकार के एते बजट नई रहत हे तो जनता खा काय झूठो भरोसा देत हे।
हर पांच साल में प्रधान से लेके नेता मंत्री बनायें जात हे। सब चुनाव के पेहले अनगिनती वादा करत हे, पे ज्यादातर वादा झूठ किर जात हें। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुन्देल खण्ड पैकज के तहत हर गांव में बिजली ब्यवस्था के लाने करोड़ो रूपइया खर्च करत हे। पे महोबा जिला के एसे अनेक गांव हें जिते बिजली को नामो निशान नइयां, या फिर गांव में तार खम्भा लगवा के आदमियन खा झूटो भरोसे में करे हे। ताजा उदाहरण पनवाड़ी ब्लाक के भुजपुरा गांव बिजली नइयां, ओर विजयपुर गांव में तार खम्भा लगे हे। बिजली बिना परेशानी तो गांव के आम जनता जानत हे। काय से जोन रूपइया वालो आदमी हे, ऊखे तो बिजली जायें के बाद इन्वाटर से काम चलाउत हे। बिजली को ज्यादातर फायदा तो नेता उठाउत हे।
सोचे वाली बात तो जा हे कि गरीब आदमी खा दो वक्त की रोटी मुश्किल परत हे। ऊ इन्वाटर केसे खरीद सकत हे। का महोबा जिला बुन्देलखण्ड में नई आउत हे। जोन करोड़ो रूपइया खर्च होंय के बाद महोबा जिला के जनता अधियारे मे रहें खा मजबूर हे। सवाल जा उठत हे कि जभे बजट खर्च होंय के बाद गांव में बिजली को जा हाल हे तो ऊ हर साल को खर्च करोड़ो रूपइया किते जात हे। का अधिकारियन को अपने वेतन से पेट नई भरत हे। जोन जनता के साथे एसो धोखा देके काम पूरा करे को भरोसा दये रहत हे।
काय जनता खा देत झूठो आसरा
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