अठारह वर्ष के बाद सरकार हर आदमी के वोटर लिस्ट में नाम जोड़े के नियम बनयले छथिन। ताकि सब लोग के एइ सुचि में नाम रहे के अधिकार हई। एही वोटर लिस्ट से लोग के स्थायी पता चलइ छइ अउर जे भी सरकारी सुविधा अवइ छइ त एही आधार पर सही या गलत होई छइ। वोटर लिस्ट में नाम रहला पर ही लोग के पहचान पत्र बनइ छई। अब त पहचान के लेल आधार कार्ड भी बनई छई लेकिन पहिले पहचान पत्र बनइत रहलइ। जेइ में बहुत के नाम गलत त बहुत लोग के फोटो गलत रहई छई।बहुत के दोबरा बन क ेचल अबई छई। एइ के सुधार के लेल लोग आवेदन देइ छथीन। जेइमें बहुत के नाम सुधार भेल अउर बहुत के न भी भेल। यहां तक कि देखे के मिलइ छइ कि । कुछ लोग के दुबारा पहचान पत्र बन के चलाएल हइ जेइसे जनसंख्या में गलत रिर्पोट आ जाइ छइ। एइ के सुधार के लेल सरकार नियम बनलथीन। अउर बी एल ओ के अपना बूथ पर शिविर लगा के सुधार करे के कहलथीना। अगर बी एल ओ नाम न जोड़ पतइ त ओकरा लाभ नाम न रहतइ। जेइ कारण कोई सुविधा न मिल पतइ। एइ के लेल बी एल ओ नियम अउर ध्यान से एइ काम के करतइ त एको गो आदमी न छुट पतइ। अउर लाभ भी मिलतइ। एइ के लेल सब बी एल ओ के इ बात के गहराइ से लेबे के चाही ताकी सही लीस्ट बनतई।
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