शिवहर और सीतामढ़ी जिला के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में जून 2005 से जो रसोइया खाना बना रही हैं उनको मानदेय एक हजार रूपया मिल रहा है और यह भी बहुत देरी से मिलता है। दिन भर में सात घण्टे और हफ्ते में छः दिन का काम करने के बाद इन पैसों से उनका गुजारा नहीं चलता है।
शिवहर जिला के तरियानी प्रखण्ड के विष्वम्भरपुर मध्य विद्यालय की रसोइया शान्ति देवी, जगपति देवी कहना है कि मात्र एक हजार रूपया महीना मिलता है। इतने कम रूपए से इस महंगाई में क्या होगा? यहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक अच्छे लाल राम का कहना है कि जब भी गुरूगोष्ठी की बैठक होती है तो उसमें रसोइया मानदेय के लिए बात रखते हैं। इससे ज्यादा हम क्या कर सकते है।
सीतामढ़ी जिला के सोनबरसा प्रखण्ड के मुषहरी टोला प्राथमिक विद्यालय की रसोइया को डेढ़ साल से मानदेय नहीं मिला है। जिस कारण हम लोगों को परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। बथनाहा और डुमरा प्रखण्ड के रसोइया का भी यही हाल है।
तरियानी प्रखण्ड के मध्याहन भोजन पदाधिकारी प्रवीण कुमार का कहना है कि रसोइया के मानदेय को लेकर जिला में फाइल बढ़ाए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ये योजना केन्द्र सरकार की है, जो लागू करेंगे तो सब के लिए करेंगे। रूपया बढ़ेगा तो दिया जायगा।
काम ज्यादा मजदूरी कम, उसमें भी देरी
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