हर जिला, प्रखण्ड अउर पंचायत में सरकार जनता के सुख सुविधा के लेल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र खोलबयले छथिन। लेकिन कतेक हद तक इ लाभ मिल रहल हई से बात कोन लोग न जनई छथिन।
सीतामढ़ी जिला में कईक अईसन प्रखण्ड हई कि रोगी के रहे के लेल त दूर के बात हई। जॉच करे वाला रूम भी टूटल फूटल हई। सोनबरसा प्रखण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर त टूटल घर में महिला सब के प्रसव होई छई। वारिस में पानी गिरईत रहई छई तईयों पन्नी टांग के प्रसव उहां के डॉक्टर करबई छथिन। गर्मी के मौसम में ओही धूप में रहई छथिन। डुमरा प्रखण्ड के मिश्रौलिया पंचायत के पकटोला गांव के उपस्वास्थ्य केन्द्र अईसन हई कि लगई छई कि कखनी केकरा देह पर गिर जतई, उ त कहे के बात न हई। लगमा पंचायत के उपस्वास्थ्य केन्द्र पर न कोई नर्स या डॉक्टर रहई छथिन, त केना जनता के सुख सुविधा मिलतई। कहीं भवन हई त डॉक्टर न। कही डॉक्टर रहई छथिन त कोई सुविधा न हई। कही चापाकल न त कही शौचालय भी न हई। कही दवा भी समय से न मिलई छई। कही इहो बात सुने के मिलई छई कि जिला से दवा मिलतई तब न हम जनता लोग के देबई। हर सुविधा के लेल हर विभाग में सरकार अधिकारी से लेके कार्यकर्ता तक बहाली कयेले छथिन। तब इनका सब के जिम्मेवारी समझे के चाही।
कही टूटल, कही भवन, कही कर्मीये न
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