जिला चित्रकूट मा हर रोज दुइ से तीन एक्सीडेन्ट होत हवंै। कत्तौ एक्सीडेन्ट मा मड़इन के मउत होइ जात हवै तौ कउनौ दवाई करवावत रहत हवै। येत्ती गम्भीर समस्या हवै, पै शासन प्रषासन यहिका काहे नहीं रोक पावत आय? कबै तक मड़ई मरत रहिहैं? चित्रकूट मा एक महीना मा तीस एक्सीडेन्ट होइगे हवंै। जेहिमा लगभग दस लोग खतम होइगंे हवैं।
प्रषासन बड़े जोर शोर से अभियान चलावत हवै कत्तौ यातायात रैली निकालत हवै तौ कत्तौ गोष्ठी कइ के लोगन का एक्सीडेन्ट से बचावै के तरीका बतावत हवै, पै वहिके बादौ रोज एक्सीडेन्ट होत जात हवैं। सरकार चाहे जेत्ती रैली अउर अभियान चलावै, पै जबै तक चित्रकूट जिला के सड़क न बनी तब तक यहिनतान एक्सीडेन्ट होत रही। काहे से ज्यादातर एक्सीडेन्ट सड़क खराब के कारन मड़इन का बचावै मा होइ जात हवै। सरकार का पहिले सड़क ठीक करवावै का चाही? तबहिने एक्सीडेन्ट हो बन्द होइ? साथै मड़इन का भी ध्यान दे का परी कि वा कम सवारी लइके चले दुइ पहिया मा दुइ से ज्यादा मड़ई न बइठे साथै हेलमट का इस्तेमाल करैं। तबहिने या मामला रूक सकत हवै। जइसे सोनेपुर, सरैया, षिवरामपुर, मऊ बरगढ़ अउर बगरेही जइसे इलाकन मा एक्सीडेन्ट के घटना बढ़त जात हवै। सरैया मा सड़क किनारे ताला होय के कारन साइकिल सवार के बचावै खातिर बस खाई मा गिर गे जेहिसे लगभग बारह लोग घायल होइगें। यहिनतान मऊ कस्बा मा मोटर साइकिल अउर ट्रेक के एक्सीडेन्ट से एक मउत होइगे तौ दूसर घायल हवै। कर्वी सोनेपुर सड़क मा मारूती कार से एक्सीडेन्ट से तुरतै एक के मउत भे। इनतान से कबै तक मड़इन का एक्सीडेन्ट होत रही? अउर शासन प्रषासन का यहिनतान हाथ मा हाथ धरे बइठ रही?
कसत रूकिहैं एक्सीडेन्ट
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