या बरस तौ गर्मी लागत हवै कि रिकार्ड तोड़ दिहिस हवै। सुबेरे आठ बजते इनतान के चिलचिलात घाम निकरत हवै कि मड़इन का घरन से निकरब मुश्किल होइ जात हवै। पै सोचै वाली तौ या बात हवै कि या बरस शासन प्रशासन जूनियर स्कूल अउर प्राथमिक स्कूल के बच्चन के परीक्षा मई मा करवाये का आदेश दिहिस हवै। जबै कि हर बरस बीस मई तक रिजल्ट मिलै के बाद बच्चन के छुट्टी कइ दीन जात रहैं, पै या दरकी तौ छोट छोट बच्चा महतारी बाप से कहत हवंै कि हम कसत परीक्षा दें जइबे? सरकार का सोच के या फैसला लिहिस हवै?
शिवरामपुर के कक्षा आठ के कइयौ बच्चन का कहब हवै कि बीस मई से तीस मई तक हमार परीक्षा हवैं इनतान के घाम मा हम कसत परीक्षा देब हमार तौ पसीना के मारे हाथ काम नही करत हवैं।
यहिनतान मऊ के कइयौ बच्चा कहिन कि हमार कक्षा चार अउर सात के परीक्षा दस मई से बाइस मई तक हवै दीपू कहिस कि बड़े लोगन जइसे आपन मुंह बांध के परीक्षा दें जइबे।। पता नही मास्टरन का या दरकी का होइगा हवै। हमार दुइ महीना के छुट्टी भी लइ डारिस हवै। सरकार आपन फायदा खातिर छोट छोट बच्चन के साथे खिलवाड़ काहे करत हवै? सरकार के सोच हवै कि परीक्षा के साथ साथ नये एडमिषन होइ सकैं, पै या एडमिषन बच्चन के छुट्टी के बाद करवा सकत हवै। काहे से बच्चा या छुट्टी के इंतजार साल भर करत हवै। या नियम से चित्रकूट जिला के कइयौ मास्टर भी परेषान हवैं।