एते के रामस्वरूप कुचबंधिया की घोड़ी खा 3 अक्टूबर 2013 खा करन्ट लग गओ हतो। जीखे कारन घोड़ी तुरतई मर गई हती। घोड़ी मरे के बाद रामस्वरूप ने अधिकारियन खा बोलाओ हतो। ऊ सबने मुआवजा दिबाये खा आश्वासन दओ हतो, पे दो महीना होय के बाद भी अभे तक मुआवजा नई मिलो आय।
रामस्वरूप के लड़का कुंवर सिंह ने बताओ कि हम कुचबांधी जाति के मजदूर आदमी हें। हम घोड़ा तांगा चला के आपन परिवार पालत हते। 10 अक्टूबर 2013 खा महोबा वोडाफोन टावर के एते खम्भा में करन्ट उतर आओ हतो। जीखे कारन निकरत समय घोड़ी खम्भा में चिपक गई, ओर मोके में ही ऊखी मोत हो गई। ईखी सूचना डी.एम., एस.डी.एम. कोतवाली ओर लेखपाल खा दई हती। लेखपाल मोका मुआयना करन भी आओ हतो, पे अभे तक मुआवजा मिले की कोनऊ सुनवाई नइयां। जीसे हमाओ परिवार पालब मुश्किल हे। काय से घोड़ी तांगा हमाये परिवार को रोजगार हतो। ईखे मरे के बाद हम बेरोजगार हो गये हें। एई से हम चाहत हें कि कछु मुआवजा मिल जाये तो कछू दूसरो धन्धा कर लेबी।
बिजली विभाग के अधिषाशी अभियन्ता रमेश चन्द्र ने बताओ कि अभे ऊखी जांच चलत हे। जभे जांच हो जेहे, ओर ऊपर से आदेश आ जेहे, तो रामस्वरूप खा मुआवजा दे दओ जेहे।
करन्ट से मर गई घोड़ी, नई मिलो मुआवजा
पिछला लेख