जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव कोटरा खाम्भा, मंडौर का पुरवा बंबुरा अउर भउसड़ा गांव। हिंया के मड़ई कहिन कि ठंडी इनतान के परत हवै, पै सरकार कइती से कम्बल नहीं मिले आय। यहिके खातिर 20 जनवरी से मऊ तहसील के चक्कर लगावत हवैं।
कोटरा खाम्भा गांव के महरनिया, सरोज कहिन कि हम लोग गोड़न से विकलांग आहिन। कम्बल खातिर पात्र भी हन। सरकार कइती से सब का मिले हवैं, पै हम कम्बल लें खातिर हिंया हुंवा चक्कर लगाइत हन।
गांव मंडौर का पुरवा बंबुरा। हिंया का नत्थू कहिस कि दूनौ आंखिन से देखाई नहीं देत हवै। यहै से कुछौ काम धंधा नहीं कइ पावत हौं। सरकार गरीबन खातिर कम्बल के व्यवस्था कीने हवै, पै मोहिका तौ वहौ भी नहीं मिला आय। यहिक खातिर मऊ तहसील के चक्कर लगावत हौं। एक दिन आवैं जाये मा चैदह रूपिया लाग जात हवै।
भउसड़ा गांव के मखनिया अउर सूर्यसती का कहब हवै कि हम लोग कम्बल लें खातिर परेशान हन। हमरे लगे ओढ़ै खातिर गर्म कपड़ा भी नहीं आय कि उनका ओढ़ के आपन जीव का ठंडी से बचा सकन, पै कम्बल नहीं मिलत आय।
मऊ तहसीलदार कतवारूराम का कहब हवै कि कुल पांच सौ कम्बल आय रहैं तौ पात्र लोगन का बांट दीन गें हवै। जउन मड़इन का नहीं मिला। उंई अपने इलाके के लेखपाल के लगे जा के सूची मा नाम चढ़वावैं उनका भी कम्बल मिल सकत हवै।
कम्बल के आसरा मा कटी जात ठंडी
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