बुन्देलखण्ड खा पिछड़ो इलाका तो सब कोनऊ कहत हे पे ऊ पर कोनऊ ध्यान नई देत हे। सब कर्मचारी आपन पेट भरें मे लगत हे।
महोबा जिला खा राजान को गढ़ मानो जात हे, पे गांवन के रोड़ ओर सड़क की हालत देखतई बनत हे। गली इत्ती खराब हे कि निकरे में आदमी गिर जात हे, जीसे मुंह के दांत ओर हांथ, पांव टूट जात हे। आखिर खराब सड़कन के हालत खा देखके अधिकारी ओर प्रधान अनदेखी काय करत हे? जभे कि सरकार हर पांच साल में सड़क बनवाये खा बजट भेजत हे। महोबा जिला के अभे भी एसे सैकड़ो गांव हे जिते आदमी गिलाव से निकरत हे ओर अधिकरियन खा पता होंय के बाद भी कोनऊ ध्यान नई दओ जात हे। जैतपुर ब्लाक के लाड़पुर गांव की बनत सड़क मे खराब मसाला के कारन आदमियन ने 3 फरवरी खा तहसील में दरखास दई हती ओर सड़क की समस्या खा लेके खन्ना क्षेत्र के अटघार गांव के आदमियन ने अनशन करो हे।
सवाल जा उठत हेे अगर बजट आउत हे तो काम काय नई कराओ जात हे। अगर काम कराओ भी जात हे तो मसाला नींक नई बनाओ जात हे जीसे सड़क तुरतई उखड़ जात हे। फिर ऊ बजट कित्ते जात हे। बजट खत्म होंय के बाद भी अधिकारी बजट न होंय को जा प्रस्ताव बना के भेजे को जा फिर कार्य योजना में नई आउत हे बहाना कर आपन पल्ला झाड़ देत हे। सरकार खा विभाग वालेन स ई बात को जवाब लेय खा चाही, तभई गांवन के सड़कन की हालत सुधर सकत हे। आखिर सड़क बनवायें की जिम्मेंदारी कीखी आय सरकार की जा जनता की?