महोबा जिला खा राजन को गढ़ मानो जात हे, पे महोबा जिला के गांवन की सड़कें देखी जाये तो ऊखी हालत इत्ती खराब हे, कि लोग सड़क पे गिरत हे तो मुंह के दांत तक उखड़ जात हें। खराब सड़कन के हालत खा
अधिकारी ओर प्रधान अनदेखी काय करत हें? जभे कि सड़क बनवायें खां हर पांच साल में बजट आउत हे। आखिर बजट आयें के बाद भी एसो काय करो जात हे। अगर कोनऊ गांव की सड़क बनत भी हे तो ऊमें नींक मसाला नई लगाओ जात हे। जीसे सड़क जल्दी उखड़ जात हे या तो कोनऊ गांव में केऊ पीढ़ी बीते के बाद भी सड़क नई बनी आय।
जेसे की चरखारी ब्लाक के गुढ़ा सूपा ओर सालट गांव की सड़के दसन साल बीते के बाद भी नई बनी। जीसे आदमियन खा टिघरन से गिलाव में हेल के निकरने परत हे। कबरई गांव की डढ़हतमाफ गांव की सड़क तो केऊ पीढ़ीन से नई बनी हे। ऊ सड़क से लगभग हजारन आदमी निकरत हे।
सड़क खराब हे जा बात पता होंय के बाद भी अधिकारी ऐसी सड़कन की हालत के बारे में काय नई ध्यान देत हे। जभे की गांव वाले केंऊ दइयां लिखित दरखास भी विभाग में देत हें। पी.डब्लू.डी. के विभाग वाले बजट नइयां या प्रस्ताव बना के भेजो हे जा कह के या फिर हमाये कार्य योजना में नई आउत हे जा बात कह के अपनी जवाब से हट जात हें। सरकार खां विभाग वालेन से ई बात की जवाब लेय खां चाही तभई गांवन के सड़कन की हालत सुधर सकत हे? आखिर सड़क बनवाये की जिम्मेंदारी कीखी आय? सरकार की या जनता की?
कभे सुधरहें सड़कन के हालत
पिछला लेख