बुन्देलखण्ड में सरकार ने कोनऊ गांव में राजीव गांधी विद्युत परियोजना के तहत तो कोनऊ गांव में अन्य परियोजना खे तहत बिजली लगवाई हे, पे आदिमयन खा बिजली की सुविधा कित्ती मिलत हे। जा विभाग से जुड़े अधिकारियन खा ध्यान खा चाही।
कबरई ब्लाक के गांव घण्डुवा में राजीव गांधी विद्युत परियोजना के तहत पांच साल पेहले बिजली लगाई गई हती। सालन बीते खे बाद ओते बिजली जले की नोमत नई आई आय।
विभाग से जुड़े आधिकारियन ने साफ शब्दन में कहो कि अभे बजट नइयां। जब सरकार के एते बजट नई होत आय तो गांव वालेन खा तार खम्भा देखा के झूठी आसरा काय बंधाउत हे?
सरकार बने खे पेहले तो हर नेता मंत्री अनगिनत वादा करत हे। जीमें हर गांव में बिजली खे व्यवस्था कराये की कसम खात हें, पे ऊखी ज्यादातर कसमें झूठी निकर जात हें।
मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार यादव ने बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत हर गांव में बिजली ओर पानी खे व्यवस्था कराये खे लाने करोड़न रूपइया खर्च करो हे, पे महोबा जिला में बिजली ओर पानी की समस्या जेसी की तेसी बनी हे।
सोचे की बात जा हे कि अगर सरकार ने बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत हर गांव को विकास कराये खे लाने वादा करो हतो। तो का महोबा जिला बुन्देलखण्ड में नई आउत आय? जोन ई जिला के गांवन की जनता अभे भी बिना बिजली के बसर करत हे, ओर अंधरे में रहें खा मजबूर हे। अगर हां तो सरकार के बुन्देलखण्ड पैकेज खा करोड़न रूपइया किते खर्च हो गओ?
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