सरकार बी.पी.एल. (गरीब) परिवार के लेल अनेक तरह के योजना चलबई छथिन कि गरीब कोई तरह के सुविधा से वंचित न रहे। लेकिन केतना हद तक काम पुरा हो रहल हई? बहुत अईसन गरीब लोग छथिन कि उ लोग कोई न कोई सुविधा से वंचित रह जाई छथिन।
सीतामढ़ी के रामपट्टी गांव में बहुत अइसन लोग के राशन के कूपन एक साल के घरे में रखल हई। जबकि हर महिने राशन सब लोग के मिल रहल हई। लेकिन कुछ लोग के कूपन घरे में रह गेलई त एकर जिम्मेवार कोन छथिन। उ लोग कहई छथिन कि हमरा सब के कूपन मिल गेल अउर राशन मिलबे न कयलक त इ योजना कोन काम के? बराबर नाम के या बी.पी.एल. सुची के सुधार त होइते रहई छई तइयो त हर काम में कुछ न कुछ गलतिये होई छई। जब सरकार पंचायती राज्य से लेके हर काम के लेल अलग-अलग विभाग से काम हो रहल हई। तइयो त बहुत अइसन गरीब परिवार में समस्या लागले हई। कही राशन के समस्या, त कहि मिट्टी तेल के समस्या, त कही पहचान पत्र के समस्या, त कही इंदिरा आवास के समस्या लागले हई। जबकि अब सब योजना के लेल प्रखण्ड स्तर या जिला स्तर पर शिविर लगाके काम हो रहल हई। तइयों त कुछ न कुछ लोग सुविधा से वंचित हो जाई छथिन। इ समस्या के सुधार कहिया तक होतई?