उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाका मा हमेशा बिजली से जुड़ी समस्या से मड़ई जूझत रहत हवैं। कत्तौ कत्ता तौ अगर बिजली का ट्रांस्फारम रफूंक जात हवै ता चार चार महीना तक फुंका पर रहत हवै। दूसर बात आबादी के हिसाब से बिजली का ट्रांस्फारमर कम के. बी. ए. का लाग रहत हवै। यहिसे भी बिजली का ट्रांस्फारमर फुंक जात हवै। का या बात खातिर बिजली विभाग का कत्तौ चिंता नहीं रहत कि ट्रांस्फारमर बदलैं का हवै। तीसर बात बिजली कटौती से भी मड़इन का जियब मुश्किल होइगा हवै। कुल चैबिस घंटा मा अगर देखा जाये तौ बिजली मुश्किल से नौ घंटा ही बिजली रहत हवै। अब सवाल या उठत हवै कि का बिजली विभाग या बिजली के कटौती करत हवै या फेर बिजली के कटौती करै का आदेश सरकार कइती से हवै। पै बिजली विभाग तौ या बात कहिके आपन पल्ला झाड़ लेत हवै कि बिजली कटौती करै का आदेश हमका सरकार दीने हवै। या कारन से बिजली कटौती कीन जात हवै। अब इं सबै समस्यन के बीच तौ आम जनता पिसत हवै। जनता या बात के राह देखत हवै कि आज नहीं कल बिजली के समस्या तो जरुर खतम होइ।
बिजली विभाग या बात का जरुर ध्यान राखत हवै कि बिल हर महीना भेजैं का हवै। जबै या जिम्मेदारी का बिजली विभाग वाले पूर करत हवै तौ सरकार से या बात काहे नहीं बतावत हवैं कि मड़इन का चैबिस घंटा बिजली मिलै का चाही?
कबै तक जूझत रही आम जनता
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