सरकार ने बाल श्रम अधिनियम के तहत 8 से 14 साल तक के बच्चन खा फ्री पढ़ाये लिखाये जेसे के नियम बनाये हे। पे उ नियम पे कोनउ ध्यान नई देत हे।
आज भी महोबा जिला में एसे केऊ परिवार हे जोन कबाड़ बीन के आपन परिवार पालत हें। पे सरकार ईखें लाने कोनऊ ठोस कदम नई उठाउत हे। जभे ईखे बारे में श्रम पर्वतन अधिकारी से बात करी तो ऊने साफ कह दओ कि एते ऐसी कोनऊ ब्यवस्था नइयां। जिते बच्चन खा रखों जा सके।
अगर सरकार नियम बनाउत हे, तो ऊखे ध्यान दें खां चाही? ऊ नियम को आदमी खा कित्तो फायदा मिलत हे। कोनऊ भी नियम बनायें खा सरकार करोड़न रूपइया खर्च करत हे। पे ऊखो लाभ नई उठा पाउत हे।
नियम बनायें के बाद सरकार खा पलट के देखे खा चाही। नियम बनाये बस से कछु नई हो सकत हे। जभे गरीब ओर असहाय बच्चन खा लाभ नई मिलत हे तो सरकार काय इत्तो बजट खर्च करत हे। ऊ बजट से कछु सहायता दे सकत हे। नई तो ईखो जवाब सरकार खा अपने अधिकारियन से मांगे खा चाही? तभई बाल श्रम दूर हो सकत हे।
कबाड़ में बच्चन खा भविष्य
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