बुधवार की शाम देशद्रोह के मामले में बंद कन्हैया कुमार को अंतरिम जमानत मिली है। शुक्रवार को कन्हैया तिहार जेल से रिहा हुए। जमानत मिलते ही कन्हैया के पैतृक गांव बीहट में लोगों के खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। जे.एन.यू. अध्यक्ष कन्हैया को जमानत मिलने की तिथि जानने के बाद सुबह से ही उसके गांव बीहट समेत पूरे जिले के लोग टीवी से चिपके हुए थे।
जब से कन्हैया गिरफ्तार हुआ तब से लेकर उसके घर पर परिवारवालों को सांत्वना देने रिश्तेदारों का आना जाना बना रहा। उन लोगों को देख कर ही कन्हैया के वृद्ध माता-पिता व परिवार के लोगों का साहस बना था। वे हमेशा यह कहते थे कि उनका बेटा कन्हैया निर्दोष है, उसके साथ पुरा देश है, इसलिए हमें उम्मीद है कि उसे न्याय जरूर मिलेगा।
घर पर कन्हैया का लगा हुआ पोस्टर इस बात को साबित कर रहा था कि कन्हैया को न्याय मिल गया है। एआइएसएफ के छात्रों ने जश्न मनाते हुए कहा कि आज वैसे लोगों के मुंह पर तमाचा लगा है, जिसने कन्हैया का विरोध किया, उसे देशद्रोही कहा और उसे जेल में बंद कराने में अहम भूमिका निभायी।
जमानत के बाद कन्हैया के समर्थकों ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत हुई है। कन्हैया को कोर्ट से जमानत मिल जाने के बाद उसके गांव में और कन्हैया के समर्थकों में भारी खुशी देखने को मिल रही है।