बॉलीवुड की रानी कंगना रानौते इस हफ्ते चर्चा में रही हैं। पहला तो यही कि कंगना ने अपना तीसरा राष्ट्रीय पुरुस्कार जीता, दूसरा यह कि इसी हफ्ते उन्होंने एक बातचीत में खुल कर अपना मत रखा और अपने पर उठने वाले सवालों का मुंह-तोड़ जवाब दिया।
पिछले कुछ महीनो में कंगना के खिलाफ कई ऐसे स्टेटमेंट आए, जिसमें उनकी निंदा की गई और झूठे इल्जाम लगाये गये। यही नहीं “चुड़ेल” भी कहा गया। लेकिन हाल ही में एक टीवी चैनल पर इस मामले पर बोलते हुए उन्होंने हर इल्जाम को झूठा कह कर नकार दिया है। इस बातचीत के दौरान, कंगना की बातों से यह लगता है कि बॉलीवुड के पुरुषसत्तात्मकता भरे माहौल में यह एक मात्र नारीवाद आवाज बची है। पढि़ए, उनकी बातचीत के कुछ अंश-
अपने स्वभाव के बारे में कंगना कहती है कि “दुनिया में दो प्रकार के लोग होते हैं। एक जो लोगों को खुश करने की सोचते हैं, दुसरे जो अपने आप को खुश रखते हैं। मैं अपनी खुशी के बारे में सोचती हूं, दूसरों की मुझसे उम्मीदों के बारे में नहीं।”
मासिक धर्म के बारे में कंगना कहती है कि “लोग मुझे किसी भी नाम से पुकार सकते है, लेकिन मासिक धर्म समय को बुरा क्यों मानते हैं? क्या महिला होना बुरा है?” और क्या मेरे मासिक धर्म कॉकटेल हैं?
लोगों की बातों को लेकर, खासकर सुपर स्टार ऋतिक रोशन या शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन को लेकर कंगना का कहना है – “जब लोगों को एक महिला की सफलता से जलन होने लगती है तो वह उसे चुड़ेल कहते हैं या वेश्या। महिलाओं की सफलता ही सबके लिए मुंह-तोड़ जवाब होता है।”
कंगना कहती है कि उनका सफर मुंबई में उनके घर से स्टूडियो तक का ही नहीं बल्कि मनाली एक छोटे से गांव से लेकर राष्ट्रपति भवन तक का है।
साभार लेडीज फिंगर