मेरा नाम रोशनी है। मेरी शादी 16 साल की उम्र में हो गई थी। शादी के बाद मैं अपने पति के साथ कभी खुश नहीं रही। मेरा पति मुझ पर शक करता था कि मेरा प्रेम सम्बंध मेरे देवर के साथ है। इस शक की वजह से वो मुझे बहुत मारता था। एक दिन मैंने मन बना लिया कि अब से मैं उसकी मार नहीं खाऊँगी। मैं अपने मायके आ गई, लेकिन कुछ समय के बाद मेरे मायके वाले भी मुझे ससुराल जाने के लिए बोलने लगे। मेरा नाम रोशनी है। मेरी शादी 16 साल की उम्र में हो गई थी। शादी के बाद मैं अपने पति के साथ कभी खुश नहीं रही। मेरा पति मुझ पर शक करता था कि मेरा प्रेम सम्बंध मेरे देवर के साथ है। इस शक की वजह से वो मुझे बहुत मारता था। एक दिन मैंने मन बना लिया कि अब से मैं उसकी मार नहीं खाऊँगी।
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मैं अपने मायके आ गई, लेकिन कुछ समय के बाद मेरे मायके वाले भी मुझे ससुराल जाने के लिए बोलने लगे। एक दिन मेरे घर के पास में किसी संस्था के लोग आए। जब उन्हें मेरे बारे में पता चला तो उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम हमारे साथ काम करना चाहती हो तो तुम हमारी संस्था में काम कर लो। मैंने हामी भर दी। मैं काम के सिलसिले में कई बार सरकारी दफ्तरों में जाती थी। एक सरकारी दफ्तर में एक आदमी मुझे बहुत दिखता था। एक दिन उसने मुझे बोला कि कोई सरकारी काम हो तो आप मुझे मेरे फोन नम्बर में फोन करके पूछ सकती हैं।
कई दिनों बाद एक दिन मुझे कोई काम पड़ा तो मैंने उस आदमी को फोन कर दिया। मेरा काम हो गया। फिर उस रात मुझे उनका फोन आया। हमनें बातें की और इस ही तरह हमारी बातें होने लगी। एक दिन उन्होंने मुझे मेरे घर के पास आकर फोन किया कि तुम कहां हो? मैंने बोला घर में तो उन्होंने तपाक से बोला कि मुझे चाय नहीं पिलाओगी। मैंने उन्हें बुला लिया। उस दिन उन्होंने पहली बार मेरे हाथ को पकड़कर मुझे देखा। मैं बहुत घबरा गई थी। आज हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। वो मेरा बहुत ख्याल रखते हैं। हम दोनों एक दूसरे के साथ खुश हैं। आज मैं सोचती हूं कि मुझे जो प्यार अपने पति से नहीं मिला वो प्यार और सम्मान इस इंसान से मिल रहा है।
Published on Jul 28, 2017
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