जिला बांदा, ब्लाक बड़ोखर खुर्द, गांव पचनेही। हेंया खंगार बस्ती मा तीन बच्चा कुपोषित हैं। बच्चन के महतारी उनका इलाज करावैं जिला पोषण पुर्नवास केन्द्र लई गई। अब उंई बच्चा जस के तस हाल मा 4 मई का भी देखे का मिले। धर्मराज के औरत माया बताइस-“मोर लड़की मोना चैदह महीना के है अउर साढे चार किलो वजन है। बुखार बना रहत है। चैबिस घण्टा मा दसन दरकी टट्टी करत है। आंगनबाडी के बतावैं से हम फरवारी 2015 मा एन.आर.सी. लई गयेन, पै भर्ती नहीं करिन। यहिनतान मनीषा के लड़की दीपिका आठ महीना के है वहिकर वजन चार किलो है। तिन्दवारी प्राईवेट अस्पताल मा दवाई करावा है। रमेश के औरत गुडि़या बताइस कि वहिके छह महीना का लड़का तीन किलो का है। बुखार रहत है अउर टट्टी उल्टी करत है। आंगनबाडी सहायिका माया देवी का कहिस कि मोरे मोहल्ला मा तीन बच्चा अति कुपोषित हैं। उनका एन.सी.आर. भेजे रहौं तौ होंआ भर्ती नहीं करिन आय। एन.सी.आर. के स्टाफ नर्स सुरभि गुप्ता का कहब है कि एन.आर.सी. के नियम मा कतौ निहाय कि बच्चा के साथै रहै वाले का खाना के व्यवस्था कीन जाय। सिर्फ सौ रूपिया मिलत हंै, पै आस पास जिला अउर दूर दराज के लोगन का खाय के व्यवस्था जिला अस्पताल से करा भी देइत है। बहुत लोग गांव घर दूर होय के वजह से खाना के व्यवस्था नहीं कई पावै। या मारे उंई खुदै भर्ती नहीं करत आय।