पश्चिमी श्री लंका के एक स्कूल में एक लड़के को छोड़ कर बाकि सब बच्चों ने आना बंद कर दिया क्योंकि ये अफवाह फैल गई थी कि उस बच्चे को एड्स है। इसके बावजूद कि उस 6 साल के बच्चे के पास सर्टिफिकेट था ये सिद्ध करने के लिए कि उसे एड्स नहीं है।
बाकि बच्चों के माता-पिताओं ने पिछले हफ्ते कुरुनेगेला स्कूल से उन्हें उठा लिया। बच्चे की मां चांदनी डी सोयसा ने बताया कि कई दुसरे स्कूलों ने उसे दाखिला देने से मना कर दिया क्योंकि उसके पिता की मृत्यु का कारण गलती से एड्स को बता दिया गया था।
स्कूल अधिकारियों ने कहा कि वे बच्चों के माता-पिता को इस बारे में शिक्षित करने के लिए एक सत्र रखने की कोशिश करेंगे।
हालांकि उसने और उसके बेटे दोनों ने एड्स न होने का सर्टिफिकेट दिखा दिया था मगर दाखिला होते ही बाकि माता-पिता उसपर बच्चे को स्कूल छुड़वा देने का दबाव डालने लगे।
क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक समन विजेसेकारा ने बताया कि सभी 186 बच्चों के माता-पिता ने उन्हें औपचारिक रूप से स्कूल न भेजने के लिए पूछा था।
श्री लंका में एड्स बहुत कम है मगर साथ ही उसके बारे में जागरूकता की भी कमी है। आंकड़ों के अनुसार 2014 में 3,200 व्यस्कों और 100 बच्चों को एड्स था। मगर एड्स के बारे में लोगों में कम जानकारी होने के कारण भी चिंता है क्योंकि इससे भेदभाव और छुआछूत बढ़ता है।