राज्य सरकार ने गरीबन के लाने लोहिया समग्र गांव की योजना तो चला दई हे। पे बजट नई भेजत हे। जीसे आदमी पन्नी डार के आपने परिवार को सर ढके खा मजबूर हे।
जिला महोबा, ब्लाक चरखारी गांव गौरहारी मोहल्ला चैपड़ा के चन्द्रशेखर कहत हे की हमाये एते पहाड़ फूटत हे। जभे पहाड़ मे ब्लास्ट होत हे तो पत्थर आ जात हे, लागे से आदमी घायल हो जात हे। धर्मदास कहत हे की मोओ छह आदमियन को परिवार हे। हमाये एकऊ खेती नइयां। मजदूरी कर आपन परिवार को पेट तो चलाउत हे, घर नई बनवा सकत हें। मइयादीन कहत हे की हमाओ चार आदमियन को परिवार हे मे गरीब आदमी बनी मजदूरी के सहारे रहत हों। प्रधान से के दइयां कहो हे की आवास बनवा देय पे नईं सुनत हे। पानी बरसे के कारन रात भर जागने परत हे।
प्रधान कहत हे की में अभे प्रधान बनों हों। गांव में लगभग बीस एसे आदमी हे, जीखे आवास की जरूरत हे। जभे बजट आहे तो सबखे फारम भरा के ब्लाक में जमा कराये जेहे। एसई ब्लाक पनवाड़ी, गांव सलैया खालसा के अनीसा, देवकुवर ओर भानसिंह कहत हे की 2014-15 में हमाओ गांव लोहीया भओ हतो। जीमें 58 आवास आये हते। सबखे दस महिना पेहले एक-एक किस्त मिली हे। ऊखे बाद रुपइया को कोनऊ अता पता नइयां। सबके अधूरे आवास बन के रह गये हे।
जाहिर, ममता, ओर हरिश्चन्द्र कहत हे की की एक साल से हम परिवार लये पन्नी तरे सर ढके खा मजबूर हे। जभे आवास के लाने नाम भरे हते तो कहत हते की एक साल में बन के तैयार हो जेहे। सर्दी तो जेसे तेसे कट गई हे, पे गर्मी में बोहतई परेशानी होहे। एकई कमरा में जानवर बांधत हे ओर खाना भी बनाउत हे।
प्रधान जयराम यादव कहत हे की जित्ते भी लोहीया आवास अधूरे बने हे। अब ई साल पूरे कराये जेहे।
पनवाड़ी बी.डी.ओ. प्रदीप कुमार पाण्डेय कहत हे की ई गांव को बाद में स्टीमेट बना के भेजो हे। जीसे अभे बजट नई आओ हे। जेसई बजट आ जेहे तो खातन में रुपइया डार दओ जेहे।