महोबा जिला एक राजाओं को गढ़ मानो गओ हे। जिते चारों केती तालाब नजर आउत हे। पे पहाड़ी इलाका होय के कारन जनता एक-एक बूंद पिये के पानी खा तरसत हे।
कहूं पाइप लाइन खराब हे तो कहूं हैण्डपम्प खराब हे। कहूं पानी छोड़ो ही नई जात हे। जीसे जनता आपन प्यास बुझााये खा दो किलोमीटर दूर से पानी भरें लाउत पावत हे। फिर ई बात खा कोनऊ अधिकारी गम्भीरता से काय नई लेत आय।
हम बात करत हे महोबा शहर के नयापुरा नैकाना मोहल्ला की पाइप लाइन टूटी हे। एक महीना से पानी नई मिलत हे। जैतपुर ब्लाक के महुआ बांध गांव में तालाब सूख गओ हे हैण्डपम्प बिगरे हे पानी नई निकरत हे। जीसे जनता पानी खा एते ओते भटकत हे। सोचे वाली बात तो जा हे कि जा समस्या एई साल की नई बल्कि हर साल होत हे।
अधिकारियन खा पता होय के बाद भी जनता खा पानी की कोनऊ सुविधा नई कराई जात हे। सवाल जा उठत हे कि अगर जनता कोनऊ चीज की सुविधा मांगत हे। ऊखे बजट न होय को बहाना कर के टार दओ जात हे। ओर जनता से सब चीज की वसूली समय से कर लई जात हे। अगर रूपइया न होय के कारण अगर पानी के बिल को रूपइया नई भरत तो कारवाही करें की बात कही जात हे।
आखिर अधिकारी जनता के साथे एसो काय व्यवहार करत हे। अधिकारियन खा जनता की समस्या आपन समस्या समझे खा चाही तभई जा समस्या दूर हो सकत हे। अधिकारियन खा अपनी जिम्मेदारी से समय-समय गांव में जा के देखो को चाही। जीसे जनता खा कोनऊ भी समस्या को सामना न करने परे।
एक साल की नइयां, हर साल की समस्या हे
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