जिला महोबा, ब्लाक कबरई। यहां वर्मा तालाब परिसर में 10 से 19 नवंबर तक एक बड़े मेले का आयोजन किया गया। मेले में दिनभर लोग घूमने, झूला झूलने, खरीदारी करने और खाने पीने आते और रात के समय रामलीला का कार्यक्रम चलता।
इस मेले का आयोजन कई गांवों के लोगों और व्यापारियों से चंदा इकट्ठा करके करवाया गया। ऐसा एक मेला पिछले साल भी लगा था। मेले के आखिरी दिन सभी के लिए भण्डारे का आयोजन भी किया गया। हज़ारों लोग मेले में हर दिन पहुंचे।
एक ओर इस मेले में कई छोटे-बड़े व्यापारियों को कमाई और लोगों को मज़े करने का मौका मिला पर अजीब बात है कि इस मेले का आयोजन ‘सती’ प्रथा की याद में किया गया था।
सैकड़ों साल पुरानी इस प्रथा के अनुसार पति की मौत के बाद, पत्नी को भी अपनी जान दे देनी चाहिए। इस रूढ़ीवादी प्रथा पर 1987 में भारत सरकार ने कानूनन रोक लगा दी है।
एक मेला ऐसा भी
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