जनता नेता को एक बार आज़माती है। अगर वह काम करे तो दूसरी बार उसे अपनी पसंद बनाती है। काशी विद्यापीठ के सेक्टर नम्बर सात से लगातार दूसरी बार जि़ला पंचायत से जीती इशरत अपनी दोबारा हुई जीत को इस तरह से बताती हैं।
इशरत इकबाल फारूकी से की गई बातचीत-
सवाल-आप दूसरी बार जि़ला पंचायत की सदस्य चुनी गई हैं। ऐसा कौन सा काम है जो आप पांच सालों में ना कर पाई हों और अब करना चाहती हैं?
जवाब-समस्याएं तो आती-जाती रहती हैं। कोई ना कोई समस्या तो रहती है। अभी कुछ जगह हैं जहाँ पर काम बाकी है सीवर लाइन का काम है। पानी का पाइप लगाने का काम है, बहुत कुछ है।
सवाल-क्या पहली बार कीे अपेक्षा इस बार चुनाव जीतना कठिना था या सरल था?
जवाब- सरल कठिन का क्या। ठीक ही था। जनता ने वोट दिया हमें जिताया। पिछली बार कुछ कम लोग चुनाव में खड़े हुए थे लेकिन इस बार ज़्यादा थे जिससे वोट भी ज़्यादा लोगों को पड़े तो थोड़ा मुश्किल था।
सवाल जनता से-ऐसा क्या खास रहा है कि इशरत ने दोबारा से जीत हासिल की है?
जवाब- (जब उनके क्षेत्र में जनता से पूछा गया कि इशरत दोबारा क्यों चुनी गईं तो जनता ने भी कई कारण बताए उन्हें जिताने के।) सबुआ तालाब के जीतू बताते हैं कि हमारे यहाँ तालाब के किनारे पेड़ लगवाया गया है तालाब भी फिर से बनाया गया है। और तो और उन्होंने नल भी लगवाया है तो हमारे लिए तो बहुत कुछ किया है। कोइरान की सुमन बताती हैं कि हमारे यहाँ रास्ता बहुत ही ज़्यादा खराब था बरसात के दिनों में पानी भर जाता था लेकिन अब ये रास्ता बन चुका हैै। अलावल के सबीना, सीमा और धमरिया की रेहाना बताती हैं कि पानी के लिए दो-दो टंकिया बनवाईं।