चित्रकूट जिला के कर्वी कस्बा मा छह महीना से (ओबर ब्रिज) पुल बनैं का काम शुरू हवै, पै या काम सरकार बहुतै धीम गति से करवावत हवै। यहिसे हजारन यात्री दुकानदार अउर व्यापारिन का समस्या का झेलै का परत हवै।
एक कइती सरकार कस्बा मा कइयौ बरस के बाद पुल बनवावैं का काम शुरू करिस। यहिसे पहिले मड़इन का क्रासिंग के लगे जाम मा घंटा भर ठाढ़ होय का परत रहै। कर्वी से पहाड़ी अउर राजापुर आवैं जायें खातिर मेन दुइ रास्ता हवै एक भैरोंपागा तौ दूसर शंकर बाजार।
अब पुल बनत हवै तौ साधन चलावैं वाले अउर पैदल चलैं वाले मड़इन का निकरब मुश्किल हवै। दूसर कइती सरकार पुल बनवावैं का काम जल्दी काहे नहीं करवावत हवै। चाहे जउनतान से होय गरीब जनता हरतान से पिसत हवै। उनकर काम धंधा न चली तौ कसत पेट रोटी चली। काम धंधा करैं खातिर मड़ई देश परदेश घूमत फिरत हवै। येत्ता करैं के बादौ अगर इनतान के समस्या होइ तौ मड़इन का जियब मुश्किल होइ सकत हवै। का या बात के चिंता सरकार का नहीं रहत हवै?
सेतु विभाग अधिकारी तौ या कहिके पल्ला झाड़ लेत हवैं कि चाहे जउन काम होय मड़ई रास्ता से निकरब बंद नहीं करत हवै। यहै से देर लागत हवै। जनता सरकार का या सोंच के जीतावत हवै कि हमार समस्या खतम होइहैं न कि अउर ज्यादा समस्या बढ़ जइहैं?
यहिका ध्यान देब सरकार का बहुतै जरूरी हवै? तबहिने जनता खुश रहि सकत हवै। अगर सरकार पुल का काम जल्दी से जल्दी करवावै तौ जनता का निकरैं के सुविधा होइ जाये।
एक पुल बनै मा समस्या बहुतै हवैं
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