लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस मानसून अब तक डेंगू के दो सौ से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। चिंता की बात यह है कि इसमें से बाइस मामले डेंगू टाइप-2 के हैं। डेंगू का ये प्रकार सामान्य डेंगू से ज़्यादा खतरनाक होता है।
लखनऊ में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (पी.जी.आई.) में मुख्य चिकित्सक टी.एन. धोल ने बताया कि डेंगू के टाइप-2 प्रकार तेज़ी से असर दिखाता है। उन्होंने बताया कि सबको पता है कि डेंगू का अभी तक न तो कोई ठोस इलाज है, और न ही कोई टीका। ऐसे में इस बीमारी से बचाव पर खास ध्यान देना चाहिए। डेंगू फैलाने वाले मच्छर ठहरे हुए पानी में पैदा होते हैं। इन्हें पैदा होने से रोकने के लिए दवाई और जागरुकता दोनों की ज़रूरत है।
उत्तर प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामले
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