उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के नये आदेश के अनुसार, गाज़ियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और हापुर के ईंट भट्ठों में इस्तेमाल हुयी तकनीक को जल्द-से-जल्द बदलने की आवश्यकता है. इन ईंट भट्ठों के मालिकों को अगले 90 दिन में इस आदेश का पालन करना होगा.
ईंट भट्ठों से अधिक प्रदूषण फ़ैलता है. ज़्यादातर जो मज़दूर उन भट्ठों में काम करते हैं उनको धूल से अनेक बीमारियाँ होती हैं. पश्चिम दिल्ली क्षेत्र में 10% प्रदूषण उत्तर प्रदेश के इन 3 राज्यों में स्थित ईंट भट्ठों से होता है. अमेरिका के मौसम और स्वास्थ अनुसन्धान केंद्र की एल्लन बौम का मानना है कि, ‘ईंट भट्ठों के आधुनिकरण से प्रदूषण 70% घट सकता है.’
प्रदूषण की कटौती के उद्देश्य से UPPCB का आदेश अनिवार्य है. परंतु मौसम विशेषज्ञों का विचार इस आदेश के विरुध है. उनका मानना है कि UPPCB के पास ईंट भट्ठों के प्रदूषण को लेकर गलत जानकारी है, जिसके कारण डीजल जेनेरटर के उपयोग में बढ़ौतरी हो सकती है. इसके चलते प्रदूषण और बढ़ जायेगा.
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