पिछले 11 सालों में भारत में सबसे ज्यादा अपराध 2015 में हुए हैं। ये बात राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के राज्यों के अपराध के आंकड़े कहते हैं।
अपराध दर जो 2005 में 1 लाख की जनसंख्या पर 456 थी, वह बढ़कर 2014 में 581 और 2015 में 582 तक हो गई है। जबकि 2009 और 2010 में यह दर 570 के लगभग थी। 2014 से 2015 में कुछ समान्य से अपराधों में घटना-बढ़ना लगा हुआ है।
हालांकि बलात्कार, हत्या और लूट की घटनाओं में कमी आई है पर इसमें ये नहीं बताया गया है कि बलात्कार, हत्या, लूट की कोशिश और योजना बनाने की कितनी घटनाएं बढ़ी हैं।
देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में 20 करोड़ जनसंख्या में 28 लाख अपराध दर्ज हुए हैं, जो कि अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है।
अपराध के आंकड़ों को देखें तो उत्तर प्रदेश के बाद केरल दूसरे स्थान पर है, जो कि अपराधिक घटना के अधिक दर्ज होने के कारण है। अपराध दर्ज होने के हिसाब से तमिलनाडू तीसरे स्थान पर और छत्तीसगढ़ भी से इसी स्थान पर है। बिहार और झारखंड में अपराध दर सबसे कम है, जिसका कारण अपराधों की रिपोर्ट का कम दर्ज होना है। पर ध्यान देने की बात ये भी है कि इन दोनों ही राज्यों में दंगों की घटना सबसे अधिक हुई हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में बलात्कार की घटनाएं सबसे अधिक हुई हैं, यहां 1 लाख जनसंख्या में 237 बलात्कार की घटनाएं हुई हैं। साथ ही ध्यान देने की बात यह भी है कि उत्तर प्रदेश ही अकेला ऐसा प्रदेश है, जिसमें 91 बलात्कार की घटनाएं पुलिस हिरासत में ही हुई हैं।
साभार: इंडिया स्पेंड