जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव सुगिरा। एते के कन्या प्राथमिक स्कूल में बाल श्रम अधिनियम की धज्जियां खुले आम उड़ाई जात हें। काय से स्कूल में पढ़े वाली बिटियन से दस-दस लीटर की बाल्टियन में पानी बाहर के हैण्डपम्प से भराओ जात हे। काम तो काम हे, चाहे ऊ स्कूल को होय या कोनऊ फैक्ट्री को। जभे की सरकार बच्चन खा सब सुविधा देय की बात कहत हे।
कक्षा पांच की प्रीती, देवकी, ओर भवानी ने बताओ कि हमाये स्कूल के हैण्डपम्प में खारा पानी निकरत हे। स्कूल में कोनऊ पानी नई भरत हे। एई से स्कूल के दीदी हमईं से पानी भराउत हें। पानी भरन हमें रोड पार करके जाने परत हे। घर को काम भी करने परत हे, ऊपर से स्कूल में पानी भरें खा परत हे।
शिक्षामित्र पुष्पा सोनी ने बताओ कि ई साल ज्यादा पानी बरसे के कारन खारा पानी आउन लगो हे। रोज रसोइयन से पानी भराउत हें। आज रसोइया खा टेम नई मिलो आय। हम बच्चन खा पानी भरे खा मना करत हें, ओर दरवाजा में ताला भी लगा देत हे। प्रधान विमला के आदमी मुन्ना ने बताओ कि बारिश ज्यादा होय के कारन स्कूल के साथ गांव के आठ हैण्पम्पन को पानी खारा हो गओ हे। स्कूल में टंकी धराये के लाने प्रस्ताव बना के शिक्षा विभाग में भेजबी। अगर बजट पास होके आ जेहे तो टंकी धरवायें की कोशिश करी जेहे।
उड़त बाल श्रम की धज्जियां
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