बगदाद। इराक में जारी हिंसा में अब तक करीब ड़ेढ़ हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। यहां पर चार महीने से गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई। इस्लामिक स्टेट (आई.एस) नाम के शिया संगठन और यहां की सेना के बीच लड़ाई चल रही है। आई.एस. ने यहां के कई शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है।
पूरी दुनिया के लिए इराक है महत्वपूर्ण
दुनिया के ज़्यादातर देश इराक से ही तेल खरीदते हैं। यही कारण है कि इराक में संकट का सीधा असर पेट्रोल और डीज़ल के दामों पर पड़ता है। यही कारण है कि अमेरिका इराक में हमेशा दखल देता रहा है।
हिंसा का इतिहास
2003 में यहां के सुन्नी शासक सद्दाम हुसैन को फांसी देने के बाद से यहां के शिया और सुन्नी समुदाय के बीच सत्ता पाने के लिए लड़ाई चल रही है। आई.एस. शिया समुदाय का शक्तिशाली संगठन है। यह संगठन न केवल इराक बल्कि अरब देशों की सत्ता हथियाना चाहता है। सद्दाम को तानाशाह के रूप में देखा जाता था। वह 1979 में सत्ता में आया था। यहां 60 प्रतिशत शिया और 31 प्रतिशत सुन्नी हैं।