जीवन में शिक्षा के बहुत बड़ा महत्व हई। आज के बच्चा कल के भविष्य हई। ऐई बात से सरकार भी सहमत छथिन। ऐई के लेल सरकार शिक्षा पर लाखों-करोड़ों रूपईया खर्च करई छथिन। ऐकरा बाद भी गुणवतापूर्ण शिक्षा न मिल रहल हई। कयला कि दसवां महिना बितल जा रहल हई लेकिन बच्चा सब किताब से वंचित छथिन।
जईसे कि सीतामढ़ी जिला के रीगा प्रखण्ड के मध्य विद्यालय रामनगरा में आठवां वर्ग के बच्चा के अब तक किताब न मिलल हई। उ बच्चा सब कहई छथिन कि नाम के लेल आठवां में पढ़ई छी लेकिन परीक्षा में की लिखबई से चिंता खायल जा रहल हई। उ बच्चा कोन आधार पर आगे बढ़ पतई जेकरा विषय के भी जानकारी न हई। अइसे उ बच्चा पांच महिना में पुरे साल के विषय के तैयारी कर पतई? इ समस्या सीतामढ़ी अउर शिवहर जिला के कई प्रखण्ड में देखे के मिल रहल हई। देखल जाये त ऐई में सबसे ज्यादा लापरवाही विभाग के ही हई। विभागीय जानकारी करे पर पता चलई छई कि सब एक दुसरे पर बात टाल देई छथिन। शिक्षा पर ऐतना लापरवाही कयला से आवे वाला समय में गरीब के बच्चा के भविष्य खराब हो जतई। कयला कि जेई लोग के पूंजी हई उ लोग अपना बच्चा के बाहर भेज के पढ़बई छथिन। लेकिन गरीब के लेल त सरकारी विद्यालय ही आधार हई।