सरकार गांव अउर शहर में प्रचार – प्रसार करई छथिन। सब लोग के घर में शौचालय बने। जबकि इ काम कराबे के लेल एनजिओ, पी.एच.ई.डी. द्वारा शौचालय बनवायल जाई छई। लेकिन केतना हद तक ई काम पुरा हो पवई छई?
नियम इ भी लगलई कि लोग अपने से शौचालय बनावे अउर एकर फोटो खीच के आवेअन के साथ जमा करे। ओकरा बाद उनका लाभ देल जतई। इ योजना के भी लोग के कोई फायदा न मिललई। जब एन्जीओ शौचालय बनवलथिन त उ कामयाबे न रहई। बहुत लोगके शौचालय धस गेलई, केतना के दिवाल गीर गेलई। जईसे सीतामढ़ी जिला के तना पंचायत निर्मल धोषित कयल गेल रहई, लेकिन काम पुरा न हो पलई। शिवहर जिला के भी इहे हाल हई। उहां के लोग शौचालय के टंकी के मवेशी के नादी बना लेले छथिन। सरकार करोड़ो खर्च शौचालय बनावे के लेल करई छथिन। लेकिन फिर भी लोग सड़क पर ही शौच करे पर बिवश छथिन। जब गरीब सड़क पर ही रहथिन त अईसन योजना कोन काम के?
इ योजना कोन काम के?
पिछला लेख