डैलस, अमेरिका। पश्चिम अफ्रीका में लगभग साड़े चार हज़ार लोग इबोला वायरस से होने वाली लाइलाज बीमारी से 2014 में मर चुके हैं। अब यह बीमारी अमेरिका भी पहुंच गई है जहां तीन मरीज़ पाए गए। इनमें से एक की 8 अक्टूबर को मौत हो गई।
अफ्रीका में काम कर रहे टौमस डंकन अमेरिका लौटने के कुछ ही दिन बाद बीमार हो गए। 30 सितंबर को उन्हें इबोला के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। कुछ दवाओं के साथ अगर बीमारी का इलाज जल्दी शुरू किया जाए तो मरीज़ को बचाया जा सकता है। पर उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और 8 अक्टूबर को वे मर गए।
तीन दिन बाद उनके इलाज में जुड़ी एक नर्स इबोला की मरीज़ हुईं और 14 अक्टूबर को उसी अस्पताल की एक और नर्स को भर्ती किया गया। दोनों नर्सों का इलाज चल रहा है।
इन तीनों केसों ने डैलस शहर में हलचल मचा दी। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति अस्पताल में बरती गई लापरवाही के कारण हुई। 15 अक्टूबर को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका देश और सतर्क रहेगा और आक्रमक तरीके से इबोला के केसों का इलाज करेगा।