डाक्टर मुथुलक्षमी रेड्डी भारत की पहली महिला विधायक थीं। उनका जन्म 30 जुलाई 1886 को तमिल नाडू राज्य में हुआ था। 1927 में उन्हें मद्रास विधान परिषद में नियुक्त किया गया। राजनीति में कई तरह से महिलाओं की मौजूदगी के लिए यह एक बड़ा बदलाव और कदम था।
मुथुलक्षमी रेड्डी समाज में महिलाओं की बराबरी के लिए काफी दिनों से काम कर रहीं थीं। उनका राजनीति में आना इन्हीं प्रयासों का हिस्सा था। मुथुलक्षमी न केवल पहली महिला विधायक बल्कि पहली छात्रा थीं जिन्होंने लड़कों के स्कूल में पढ़ाई की। वह ऐसी पहली महिला डाक्टर थीं जो सरकारी मातृत्व और नेत्र रोग अस्पताल में बतौर सर्जन नियुक्त हुईं। राज्य समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड में वह पहली महिला अध्यक्ष भी थीं।
पढ़ाई करते समय इनकी मुलाकात श्रीमति सरोजनी नायडू से हुई। सरोजनी नायडू पहली महिला राज्यपाल थीं। मुथुलक्षमी रेड्डी ने आगे चलकर कई बार कहा कि सरोजनी नायडू उनके जीवन की पहली प्रेरणा थीं। 1956 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 22 जुलाई 1968 में उनका देहान्त हो गया।